मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसे बैगलेस-डे कहा जा रहा है। इस योजना के तहत, हर महीने कम से कम एक शनिवार को बैगलेस-डे मनाया जाएगा, ताकि बच्चों को पढ़ाई के अलावा विभिन्न कौशल विकास गतिविधियों का अनुभव मिल सके।
यह निर्णय छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इससे बच्चों में रचनात्मकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, और सामाजिक जिम्मेदारी के गुण विकसित होंगे।
बैगलेस-डे से क्या लाभ होंगे?
बैगलेस-डे का मुख्य उद्देश्य छात्रों को किताबों और बस्ते से दूर रखकर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके व्यक्तिगत और मानसिक विकास को बढ़ावा देना है।
इस दिन, छात्रों को साहित्यिक, सांस्कृतिक, और व्यावहारिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जैसे कि ड्राइंग, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौनों का निर्माण, और लोकगीत-नृत्य। इसके अलावा, बच्चों को कृषि की आधुनिक पद्धतियों, औषधीय पौधों, और पर्यावरणीय चेतना के बारे में जानकारी दी जाएगी।
गतिविधियाँ जो बच्चों को सीखने का मौका देंगी
बैगलेस-डे के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिनसे छात्रों में विभिन्न कौशल का विकास होगा:
- कला और शिल्प (Arts & Crafts): बच्चों को ड्राइंग, पेंटिंग, और मिट्टी के खिलौने बनाने का अवसर मिलेगा।
- सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ: लोकगीत-नृत्य, कविता पाठ और कहानी लेखन जैसी गतिविधियाँ की जाएँगी।
- कृषि और पर्यावरण: बच्चों को कृषि की आधुनिक पद्धतियों, जैविक खेती, और औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- स्थल भ्रमण: बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों, स्थानीय उद्योगों, और अनाज मण्डी का भ्रमण कराया जाएगा।
इन गतिविधियों से बच्चों को न केवल अपनी कल्पना को उड़ान देने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियों को भी समझने का अवसर मिलेगा।
शीतकालीन अवकाश की जानकारी
मध्य प्रदेश में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 31 दिसंबर 2024 से 4 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। 5 जनवरी को रविवार है, इसलिए स्कूल 6 जनवरी से फिर से खुलेंगे। 10वीं और 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के अभ्यास के लिए छुट्टी दी जाएगी।