प्यार भी कितना अजीब होता है न , वो चाहे कितनी भी तकलीफ दे पर सुकून उसी के पास मिलता है
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुनकर , तेरा नाम से इतनी मोहब्बत ही तो सोच तुझसे कितनी होगी
मेरी जिंदगी तेरे साथ शुरू तो नहीं हुई पर ख्वाहिश है खत्म तेरे साथ ही हो 😘❤️
तुमने ना सुनी धडकन हमारी पर हमने महसूस की सांस तुम्हारी
खुशिया मांगी थी मैंने खुदा से अपने लिया और देखो न मुझे तुम मिल गए
खुद ही पागल करते हो फिर कहते हो पागल हो तुम
हम दोनों को कोई भी बीमारी नही है… फिर भी तु मेरी और मैं तेरी दवा हूँ
तुम होते कौन हो मुझसे बिछड़ने वाले ?
सोचती हूँ कुछ तो अच्छे करम मैंने भी किए होंगे, यूँ तो नसीब ना होती महोब्बत तुम्हारी!!!
ऐसा-वैसा नहीं बेहद और बेशुमार चाहिये… मुझे तुम… तुम्हारा वक्त… और तुम्हारा प्यार चाहिये…
प्यार आज भी तुझसे उतना ही है बस तुझे एहसास नहीं और हमने भी जताना छोड़ दिया
किसी को भी नहीं चाहा मेने एक तुझे चाहने के बाद
मोहब्बत भी ठंड जैसी है, लग जाये तो बीमार कर देती है
इस दिल में तुम्हारे सिवा किसी को इजाजत नहीं
आँसू आ जाते हैं आँखों में पर लबों पर हंसी लानी पड़ती है ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए , मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए
अपनापन छलके जिस की बातों में .. सिर्फ़ कुछ ही बंदे होते है लाखों में
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे… और तुम गले लगा के कहो, “और कुछ?”
“एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना, बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा
सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है
मेरे इस दिल को तुम ही रख लो ना बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारीc
भर्री महफ़िल में दोस्ती का ज़िकर हुआ , हमने तो सिर्फ आपकी और देखा और लोग वाह वाह कहने लगे
जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो, सुंदर और बेहद खूबसूरत हो, अच्छा तो वही इंसान होता है, जो तब आपके साथ हो, जब आपको उसकी जरुरत हो
तू करे ना करे….. मेरा इश़्क काफ़ी है… हम दोनों के लिये
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे! बड़ी दुआओं से पाया है तुझे! तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे! किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है। मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी
मेरी आत्मकथा…. सिर्फ तुम्हारी कहानी है….
तुम्हें देखना और देखते रहना बड़ा अच्छा लगता है
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की, बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !
तू करे ना करे….. मेरा इश़्क काफ़ी है… हम दोनों के लिये
यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर,तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये.
मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना
मेरी जिंदगी मे खुशियाँ तेरे बहाने से है , आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है
💖 हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया
रहा नहीं जाता आपके दीदार के बिना ज़िन्दगी अधूरी है मेरी आपके प्यार क बिना
प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता न वक़्त के साथ न हलात के साथ
रहा नहीं जाता आपके दीदार के बिना ज़िन्दगी अधूरी है मेरी आपके प्यार क बिना
तुम हर तरह से मेरे लिए ख़ास हो, शुक्रिया वो बनने के लिए जो तुम हो
दुनिया में रहने की सबसे अच्छी दो जगह ‘किसी के दिल में’ या ‘किसी की दुआओं में’
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,, जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके
नफ़रत सी हो गई हैँ इस दुनिया से, एक तुम से मोहब्बत करके
सच्चा प्यार किसी भूत की तरह होता है, बातें तो सब करते हैं दिखा किसी ने नहीं .
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं; चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
क्या खबर थी की मुहब्बत हो जायेगी। हमें तो सिर्फ उनका मुस्कुराना अच्छा लगा था |
दुनिया में रहने की सबसे अच्छी दो जगह ‘किसी के दिल में’ या ‘किसी की दुआओं में’
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर, एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था !
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं; चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
जब भी मैं तुमसे दूर होता हूँ, मुस्कुराते हुए तुम्हारे पुराने मेसेज और चिट्ठियां दोबारा दोबारा पढता हूँ ! हाँ ! तुमसे इतना प्यार करता हूँ मैं
उतुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!ससे बढ़कर मेरी खुशी क्या है,तुम सलामत रहो कमी क्या है,
ग़ालिब ने खूब कहा है – ऐ चाँद तू किस मज़हब का है , ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ; नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है
आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,जब वो मुस्कुरा के पूछती है, नाराज हो क्या.?
आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की
ए खुदा..!! मुझे प्यार उसी से हो जो…. मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए
ऐ ईश्क सुना था के… तु अंन्धा है फिर मेरे धर का राश्ता तुजे कीसने बताया
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ, लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ
कहेते है इश्क ऐक गुनाह है जिसकी शरुआत दो बेगुनाहो से होती है.
काश ये दिल बेजान होता ,ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता