आजकल हर गांव में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) मौजूद होता है, जिसमें 10 से 12 महिलाएं शामिल होती हैं। यह समूह न केवल नई-नई जानकारी देता है, बल्कि गांव की महिलाओं को नए आइडिया से पैसे कमाने की सलाह भी देता है। इस समूह से आप रोजगार भी कर सकते हैं, और कई कामों के लिए इससे पैसे कमा सकते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूह को कितना पैसा मिलेगा, तो इसकी जानकारी आप इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
स्वयं सहायता समूह को सरकार द्वारा चलाने के लिए एक धनराशि प्रदान की जाती है, जो समूह को आसानी से चलने में सहायता करती है। इस धनराशि की राशि सरकार द्वारा 1500 से 110000 तक तय की जाती है। इसे अलग-अलग स्तरों पर दिया जाता है और आप इस आर्टिकल के माध्यम से इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। स्वयं सहायता समूह महिलाओं को रोजगार का मौका प्रदान करता है जो उन्हें अपने परिवार की सहायता करने में मदद कर सकती है। आप इसकी सभी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
आपके स्वयं सहायता समूह को कितना पैसा मिलेगा?
भारत सरकार समूह को गठन के तीन महीने बाद 1500 रुपये की धनराशि प्रदान करती है। समूह का बना हुआ छह महीने होने पर सरकार समूह को 15000 रुपये देती है। समूह के सदस्यों में से जो महिलाएं रोजगार करना चाहती हैं, उन्हें बैंक 50000 से 110000 रुपये का ऋण प्रदान करता है। आप समूह से इतना पैसा ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपके समूह का नाम लिस्ट में होना जरूरी होता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपका समूह लिस्ट में शामिल है।
Self Help Group के लिए नियम व शर्ते क्या है?
स्वयं सहायता समूह के लिए कई प्रकार के नियम व शर्ते है, जो की नीचे दिए गए है…
- स्वयं सहायता समूह कम से कम 6 महीने से सक्रिय रूप से चल रहा होना चाहिए।
- समूह के सदस्यों द्वारा समूह में निरंतर मासिक बचत जमा की गई होनी चाहिए, जो उपलब्ध संसाधनों से होती है।
- समूह द्वारा अपने पास जमा राशि से सदस्यों को ऋण देना चाहिए।
- समूह के खाते का पूरा लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए और सदस्यों को दिए गए ऋण या जमा की गई मासिक बचत राशि का विवरण एक रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
- समय-समय पर सप्ताहिक या मासिक आधार पर बैठक की जानी चाहिए जिसका विवरण मीटिंग रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
- समूह में लोकतांत्रिक तरीके से काम होना चाहिए, सभी सदस्यों की सहभागिता होनी चाहिए और सभी की बात भी सुनी जानी चाहिए।
- समूह का उद्देश्य एक दूसरे की मदद करना और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करना चाहिए, बैंक से केवल ऋण लेने के लिए नहीं।
- बैंक द्वारा ऋण देने के समय इन सभी बिंदुओं की बारीकी से देखी जाती है।
स्वयं सहायता समूह के उद्देश्य क्या हैं?
- सरकार को ग्रामीण भारत के गरीब लोगों का सहारा देना है, जो अपनी गरीबी से निकलना चाहते हैं।
- सरकार चाहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब महिलाएं और परिवार उनके जीवन के स्तर को सुधारें और सामाजिक एकता का भाव बढ़ाएं।
- महिलाओं को जागरूक बनाना, उनकी कौशल को विकसित करना और महिला सशक्तिकरण को मजबूत करना।
- ग्रामीण गरीब परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना ताकि उनकी मुलभुत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
स्वयं सहायता समूह की लिस्ट कैसे चेक करे ?
यदि आप स्वयं सहायता समूह की सूची की जांच करना चाहते हैं, तो in स्टेप्स को फॉलो करे :-
स्टेप 1 :- पहले आपको इस समूह की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
स्टेप 2 :- फिर आपको रिपोर्ट्स Reports के अंतर्गत Analytical Reports ऑप्शन का चयन करना होगा।
स्टेप 3 :- इसके बाद, आपको एक नया पेज दिखाई देगा जहां आपको SHGs in NRLM Database के तहत Self Help Group (SHG) का चयन करना होगा।
स्टेप 4 :- फिर आपको अपने राज्य, जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत, और अपने समूह का नाम चुनना होगा।
स्टेप 5 :- इसके बाद समूह का नाम चुने जिससे आपके सामने पूरी लिस्ट खुल जाएगी।
इस तरह, अगर आपका समूह सूची में होगा तो आपको सरकार से धनराशि मिलेगी।
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स्वयं सहायता समूह FAQ
सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह को 1500 से लेकर 110000 तक का पैसा दिया जाता हैं।
स्वयं सहायता समूह में 10 से 20 सदस्यों की संख्या होती है, जो एक दूसरे की सहायता करते हैं। स्वयं सहायता समूह से अपना व्यवसाय चालू कर सकते है।
स्वयं सहायता समूह का मुख्य उद्देश्य सदस्यों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके द्वारा समूह के सदस्य स्वयं उद्यमी बनते हैं और उन्हें व्यवसाय, वित्त और बैंकिंग के ज्ञान से लेकर सभी आवश्यक साधनों तक की पहुंच मिलती है।